।। दुःख से सफलता ही सफलता मिलती है जीवन को बदलने वाली कहानी।।
Life changing story, sadness leads to success.
मेरे प्यारे दोस्तों मै इस पोस्ट में एक मोटिवेशनल कहानी प्रस्तुत कर रहा हूँ। इस कहानी में हमें जीवन की दुःख समस्याओ को झेल कर सफलता पाने की सिख मिलती है।.आप इस कहानी को अंत तक पूरा पढ़े और कुछ नया सिखने की कोशिश करे ।
बहुत दिन पहले की बात है एक मूर्तिकार किसी दूसरे गॉव से मूर्ति बना कर अपने घर लोट रहा था। रास्ते में बहुत बड़ा घना जंगल था। वह जंगल के बीचो बीच बनी रास्ते को पर कर जल्दी जल्दी चला आ रहा था। उसके पास उसका मूर्ति बनाने वाला औजार भी था ।
जंगल के बीच में उसे रास्ते पर एक पत्थर दिख। वह उस पत्थर के नजदीक पहुंच कर उस पत्थर से मूर्ति बनाना चाहा। वह जैसे ही अपना औजार बाहर निकाल कर उस पत्थर पर वार करना चाहा की तभी उसी पत्थर से आवाज निकला और पत्थर ने कहा की मुझे मत काटो क्योकि इससे मुझे काफी दर्द और तकलीफ होगा। मूर्तिकार को बड़ा आस्चर्य हुआ और उसे उस पत्थर दया भी आ गया। वह उस पत्थर को वही उसी स्तिथि में छोड़ दिया और खुद आगे बढ़ गया ।
आपके जीवन को सफल बनाने वाली
जब वह उस रास्ते पर कुछ दूर और चला तो उसे एक और पत्थर दिखा। वह उस पत्थर के पास भी गया और उससे मूर्ति बनाना शुरू कर दिया। इस वार पत्थर से कुछ भी आवाज नहीं निकला। वह मूर्ति बना कर उस उस मूर्ति को ले जाने के लिए उठाना चाहा लेकिन भारी होने के कारण उसे उठा नहीं पाया। वह उस मूर्ति को वही छोड़ कर अपने गांव वापस कुछ लोगो से मदद के लिए आया। इधर गांव के लोग एक मंदिर में मूर्ति स्थापित करने के लिए एक मूर्ति और उसी मूर्तिकार को खोज रहे थे ।
मूर्तिकार और गाववालो एक दूसरे की आवश्कता समझ कर मूर्ति को गांव लाया गया। उस मूर्ति का कीमत मूर्तिकार को देकर विदा किये ।
अगले दिन उस मूर्ति को मंदिर में स्थापित किया गया और उसका पूजा अर्चना भी किया गया। जब पूजा के अंत में नारियल फोड़ने का समय आया तो पुजारी के द्वारा एक और पत्थर का मांग किया गया। लेकिन वहाँ नजदीक में और कोई पत्थर नहीं था। वहाँ उस पूजा के दिन वह मूर्तिकार भी उपस्थित था।मूर्तिकार ने कहा की जंगल में एक और पत्थर है यदि उसे यहाँ लाया जाए तो बात बन सकती है। अंत में लोगो के द्वारा पहला पत्थर लाया गया और नारियल फोड़ने का काम किया गया ।
कहानी जीवन में खुशी लाने वाली कहानी
जब सभी पूजा के बाद घर लोट गए तब मूर्ति और पहला पत्थर में बातचीत हुआ। पहला पत्थर ने मूर्ति से पूछा की लोग आपको बहुत महत्व और आपके सामने अपना सिर भी झुकाते है ऐसा क्यो? तब मूर्ति ने कहा की मै उस दिन उस मूर्तिकार के हथोड़े का चोट सहा था। इसीलिए आज मै मूर्ति बन सका और आपने चोट पड़ने से पहले घबरा गए थे ।
सिख:- जब हमसब अपने जीवन में जीतने दुःख का सामना करते है हमें उतना सफलता मिलती है ।
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।। आपका दिन शुभ हो ।।