सभी इक्षा को पूर्ण करने वाले कहानी “प्रभु के आश्रय”
The story “Shelter of the Lord” completes all desires
भगवान पर विश्वास रखने पर सभी इक्षा पूरी होती है ।
आदरणीय पाठक आज एक कहानी के माध्यम से भगवान के कृपा को समझने का कृपा करे । आप इस कहानी को शुरू से अंत तक पढ़ने की कृपा करे ।
एक बार एक राजा नगर भ्रमण को गया तो रास्ते में क्या देखता है कि एक छोटा बच्चा माटी के खिलोने को कान में कुछ कहता फिर तोड़ कर माटी में मिला रहा है । राजा को बड़ा अचरज हुआ तो उसने बच्चे से पूछा, “तुम ये सब क्या कर रहे हो?”
बच्चे ने जवाब दिया कि “मै इन से पूछता हूँ, कभी राम नाम जपा ? और माटी को माटी में मिला रहा हूँ ।” राजा ने सोचा इतना छोटा सा बच्चा इतनी ज्ञान कि बात । राजा ने बच्चे से पूछा, “तुम मेरे साथ मेरे राजमहल में रहोगे?”
बच्चे ने कहा , “जरूर रहूँगा पर मेरी चार शर्त है :- जब मै सोऊँ तब तुम्हे जागना पड़ेगा । जब मै भोजन करूँगा तुम्हे भूखा रहना पड़ेगा , मै कपडे पहनूँगा मगर तुम्हे नग्न रहना पड़ेगा और जब मै कभी मुसीबत में होऊं तो तुम्हे अपने सारे काम छोड़ कर मेरे पास आना पड़ेगा । ” अगर आपको ये शर्ते मंजूर हैं तो मै आपके राजमहल में चलने को तैयार हूँ।” राजा ने कहा, “ये तो असंभव हैं ।” बच्चे ने कहा, “राजन तो मै उस परमात्मा का आसरा छोड़ कर आपके आसरे क्यो रहूं, जो खुद नग्न रह कर मुझे पहनाता हैं ।” खुद भूखा रह कर मुझे खिलाता हैं । खुद जागता हैं और मै निश्चिंत सोता हूँ, और जब मै किसी मुश्किल में होता हूँ तो वो बिना बुलाये मेरे लिए अपने सारे काम छोड़ कर दौड़ आता हैं ।
कथा का भाव केवल इतना ही हैं कि हम लोग सब कुछ जानते समझते हुए भी बेकार के बिषय विकारो में उलझ कर परमात्मा को भुलाये बैठे हैं जो हमें पल-पल सँभालते हैं और उस प्यारे के नाम को भुलाये बैठे हैं ।
अतः प्रेम से कहें जय जय श्री राधे जय श्री कृष्णा जय श्री राम जय माँ सीता जय श्री लक्मण जय श्री भोलेनाथ जय माँ पार्वती जय श्री बिष्णु जय माँ लक्मी जय श्री ब्रह्मदेव जय माँ शारदे जय श्री हनुमान ।